बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष की मौत मामले में आरोपी फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट कथित डॉ. नरेंद्र विक्रमादित्य यादव उर्फ नरेंद्र जॉन केम को गुरुवार शाम करीब 4 बजे बिलासपुर पुलिस ने दमोह से गिरफ्तार कर लिया है। दमोह के मिशन अस्पताल में सात हृदय रोगियों की भी मौत का खुलासा होने के बाद दमोह जेल में बंद फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट नरेंद्र दमोह की जेल में बंद था।
छत्तीसगढ़ को सौंपने का आदेश
जेल रिमांड पूरी होने के बाद बिलासपुर जिले के सरकंडा थाने की पुलिस कोर्ट में रिमांड की मांग को लेकर पहुंची थी। जिस पर सीजीएम ने मेडिकल परीक्षण के बाद नरेन्द्र को चार दिन की रिमांड पर छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपने का आदेश दिया। पुलिस आरोपी डॉक्टर को लेकर बिलासपुर पहुंच रही है। बता दें कि, 2 अगस्त 2006 को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती पं. राजेंद्र प्रसाद शुक्ल की एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी के दौरान मौत हो गई थी।
मेडिकल काउंसिल (IMA)
दमोह में खुलासे के बाद उनके पुत्र डॉ. प्रदीप शुक्ला ने सरकंडा थाने में मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही सीएमएचओ से इसकी शिकायत की थी। मामले की जांच में डॉक्टर की शैक्षणिक योग्यता संदिग्ध पाई गई। IMA के तत्कालीन अध्यक्ष और कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वाय.एस. दुबे ने इसकी जांच करवाई। जांच में पाया गया कि नरेंद्र के दस्तावेज फर्जी थे। उसके पास केवल एमबीबीएस की डिग्री थी, वह कार्डियोलॉजिस्ट नहीं था। वहीं अपोलो हॉस्पिटल प्रबन्धन ने अपने मुख्यालय से डॉक्टर से जुड़े दस्तावेज मंगाए थे। जांच में फर्जी डॉक्टर का नाम, जन्मतिथि और पिता का नाम का अलग-अलग पाया गया था।
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