नेशनल डेस्क. इलेक्टोरल बॉन्ड यानी राजनीतिक दलों को चंदा देने का एक वित्तीय ज़रिया. केंद्र की मोदी सरकार ने राजनीतिक चंदे जुटाने के नए सिस्टम के रूप में इसकी शुरुआत की है. इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक राजनीतिक दलों को धन देने के लिए बॉन्ड जारी कर सकता है. वहीं सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद चंदे देने वाली कंपनियों का खुलासा हो गया है. इसकी टॉप 10 सूचियों में कई कंपनियों का नाम है. पहले नंबर पर लॉटरी किंग कहे जाने वाली कंपनी है.
यहां देखें लिस्ट
1. फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड
चंदा- 1,386 करोड़ रुपये
बता दें कि ये कंपनी सेंटियागो मार्टिन ने 1991 में बनाई थी. मार्टिन को देश का लॉटरी किंग कहा जाता है. कंपनी ने 1386 करोड़ रुपये इलेक्टोरल बॉन्ड में चंदे के रूप में दिया है. मार्टिन ने लॉटरी कारोबार की शुरुआत तमिलनाडु से की. वहां लॉटरी बैन होने पर उसने अपना बिजनेस केरल व कर्नाटक में फैलाया. इस समय कंपनी का 13 राज्यों में कारोबार है.
2. मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ़्रास्ट्रक्चर लिमिटेड
चंदा- 966 करोड़ रुपये
ये कंपनी तेलंगाना हैदराबाद में सक्रिय है. इसने 966 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. इसे पमीरेड्डी पिची रेड्डी ने साल 1989 में शुरू किया था. वहीं साल 1991 से इसे पीवी कृष्णा रेड्डी चला रहे हैं. कंपनी ने तेलंगाना सिंचाई के क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया है. उसे हिमाचल में जोजिला टनल बनाने का भी ठेका मिला था. वहीं इसकी सब्सिडियरी कंपनी ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक को करीब 3 हजार बसों का ठेका मिला हुआ है. पिछले साल कंपनी को रक्षा मंत्रालय से 5 हजार करोड़ का ऑर्डर भी मिला था.
3. क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड
चंदा- 410 करोड़ रुपये
महाराष्ट्र की इस कंपनी ने 410 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है. कंपनी के 3 डायरेक्टर्स में से एक तपस मिश्रा, तपस रिलायंस ऑयल एंड पेट्रोलियम, रिलायंस इरॉस प्रोडक्शन, रिलायंस फोटो फिल्म, रिलायंस फायर ब्रिगेड, रिलायंस पॉलिस्टर में भी डायरेक्टर है. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, तपस मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में अकाउंट सेक्शन का प्रमुख है.
4. हल्दिया एनर्जी लिमिटेड
चंदा- 377 करोड़ रुपये
यह कंपनी संजीव गोयनका ग्रुप का हिस्सा है. इस कंपनी ने 377 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. यह कंपनी पावर, एनर्जी, आई सर्विस, एफएमसीजी, मीडिया सेक्टर में कारोबार करती है. जबकि संजीव गोयनका आईपीएल की टीम लखनऊ सुपर जायंट्स का भी मालिक है.
5. वेदांता लिमिटेड
चंदा- 376 करोड़ रुपये
दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल की वेदांता कंपनी माइनिंग के क्षेत्र में काम करती है. यह कंपनी अपने कर्ज और पर्यावरण संबंधी मुद्दों को लेकर लगातार विवादों में रही है. इसका मुख्यालय मुंबई में है. कंपनी ने करीब 376 करोड़ रुपये का इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदा है.
6. एस्सेल माइनिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड
चंदा- 225 करोड़ रुपये
आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनी एस्सेल माइनिंग ने करीब 225 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. ये कंपनी आयरन ओर माइनिंग के कारोबार में है.
7. वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी
चंदा- 220 करोड़ रुपये
यह कंपनी पिछले 15 सालों से इलेक्ट्रिसिटी, गैस और पानी के कारोबार में है. इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली दूसरी सबसे बड़ी कंपनी मेघा ग्रुप का भी इस कंपनी में कंट्रोलिंग हिस्सेदारी है. इस कंपनी ने भी 220 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं.
8. भारती एयरटेल लिमिटेड
चंदा- 198 करोड़ रुपये
भारती एयरटेल टेलीकॉम सेक्टर में काम करने वाली एक दिग्गज कंपनी है. इसका मुख्यालय दिल्ली में है. इस कंपनी ने करीब 198 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे हैं. इसने अपना कारोबार 1995 में देश में शुरू किया था. इसके मालिक सुनील मित्तल हैं. बता दें कि ये कंपनी अब 18 देशों में कारोबार करती है.
9. केवेंटर फ़ूड पार्क इंफ्रा लिमिटेड
चंदा- 195 करोड़ रुपये
यह कोलकाता की कंपनी है, जो फूड प्रोसेसिंग के कारोबार में सक्रिय है. यह एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट भी करती है. इस कंपनी ने करीब 195 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीदारी की है.
10. एमकेजे एंटरप्राइजेज लिमिटेड
चंदा- 192 करोड़ रुपये
यह भी कोलकाता की कंपनी है. इसका स्टील का कारोबार है. इस कंपनी के चेयरमैन और एमडी महेंद्र कुमार जालान हैं. आपको बता दें कि ये कई दूसरी कंपनियों में भी डायरेक्टर हैं.
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