राजनांदगांव. पुलिस भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार के आरोपों और एक आरक्षक की आत्महत्या के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने राजनांदगांव की पुलिस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया है. इस निर्णय से भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की उम्मीद जताई जा रही है.
हाल ही में राजनांदगांव में एक आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या कर ली थी. आत्महत्या से पहले उन्होंने अपनी हथेली पर लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारियों को बचाया जा रहा है. इस घटना ने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के आरोपों को और बल दिया.
भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं के आरोपों के चलते चार पुलिसकर्मियों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें कांस्टेबल योगेश ध्रुवे, धर्मराज मरकाम, पुष्पा चंद्रवंशी, परिधि और एक निजी कंपनी के दो कर्मचारी शामिल हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि आरक्षक अनिल रत्नाकर की आत्महत्या और उनके द्वारा लिखे गए संदेश से स्पष्ट होता है कि भर्ती प्रक्रिया में गंभीर भ्रष्टाचार हुआ है, जिसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है.
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने का निर्णय पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है. उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होने दी जाएगी.
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