रायपुर. Crypto App Fraud: छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में रहने वाले 2 युवक रायपुर में बैठकर एक क्रिप्टो करेंसी एप के जरिए देशभर के लोगों को ठगी का शिकार बना रहे थे. इसी तरह एमपी के एक व्यक्ति से इन्होंने 2 लाख रुपये ठग लिए. मामले की शिकायत के बाद वहां की पुलिस ने जांच की और फिर रायपुर आकर दोनों युवकों को उठा ले गई.
बता दें कि आरोपी 23 वर्षीय जय पोपट पिता जितेंद्र पोपट और यश पोपट पिता राजेश पोपट दोनों मनेंद्रगढ़ के रहने वाले हैं. पुलिस की पूछताछ में जय ने बताया कि वह साल 2017 से क्रिप्टो करेंसी को देख रहा है और उसने पैसे देकर करेंसी भी खरीदी थी. बाद में वह सीए की पढ़ाई के लिए रायपुर आ गया. यहां उसने पढ़ाई बंद कर दी और क्रिप्टो करेंसी में ऑनलाइन बेटिंग करते हुए रुपये हार गया.
इस तरह शुरू की धोखाधड़ी
पैसे हारने के बाद जय ने अपने दोस्त यश के जरिए 1500-1500 रुपये में लोगों के आईडी प्रूफ और अन्य दस्तावेज हासिल किए. इसके बाद लोगों से धोखाधड़ी करने लगे. उनके पास से एमपी की साइबर सेल टीम ने विभिन्न राज्यों के कई खाताधारकों के पासबुक, ब्लैंक चेक जब्त किए हैं. साथ ही पांच मोबाइल, सिमकार्ड, फर्जी बैंक खाते की पासबुक, एटीएम कार्ड व 50 हजार रुपये कैश भी बरामद किए गए हैं. साथ ही कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है.
यहां से जुटाए लोगों के दस्तावेज
आरोपियों ने बताया कि टेलीग्राम एप पर उन्हें 10 हजार रुपये में लोगों के बैंक खाते, एटीएम कार्ड, साइन किए चेक बुक और बैंक खाते से लिंक सिम कार्ड मिल रहे हैं. उनके जरिए ही वे अपना ठगी का कारोबार आगे बढ़ाते थे. वहीं क्रिप्टो करेंसी एप बाइनेंस के जरिए वे फ्राड करते थे.
ऐसे आए पकड़ में
यश और जय ने मिलकर एमपी के झाबुआ जिले के गौरव लालवानी को अपना शिकार बनाया था. ठगी का एहसास होने पर गौरव ने बीते मार्च महीने में स्थानीय पुलिस से शिकायत की थी. पुलिस व साइबर सेल ने जांच शुरू की. डिजिटल तथ्य व अन्य बिंदुओं पर पुख्ता जानकारी मिलने के बाद स्पेशल टीम बनाकर उन्हें रायपुर और मनेंद्रगढ़ भेजा गया. टीम ने रायपुर नाहरपारा से जय और यश को पकड़ लिया.
ऐसे की थी ठगी
पीड़ित गौरव ने पुलिस को बताया कि वह बाइनेंस एप पर क्रिप्टो करेंसी यूएसडीटी खरीद रहा था. इस दौरान एप पर आर्डर प्लेस करने पर उसे एक सेलर मिला. उससे दो लाख रुपए के क्रिप्टो के लिए आर्डर प्लेस किया. तब उसे एक अकाउंट नंबर दिया गया. गौरव ने उसके खाते में राशि ट्रांसफर कर दी. तब एक अन्य नंबर से काल आया कि जो क्रिप्टो करेंसी उसे सेंड करनी थी वह ब्लाक हो गई है. उसे आर्डर कैंसिल करने को कहा, ताकि वह दो लाख रुपये लौटा सके. गौरव ने आर्डर कैंसिल कर दिया. इसके बाद न क्रिप्टो करेंसी मिली और न रकम वापस की गई.
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