धमतरी. छत्तीसगढ़ में मेडिकल के क्षेत्र में फिर एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एक अविवाहित युवक मिला है, जिसके पेट में महिलाओं की तरह गर्भाशय था. धमतरी के एक अस्पताल में ऑपरेशन के जरिए उसे निकाल लिया गया है. डॉक्टरों ने बताया कि यह दुर्लभतम श्रेणी का केस है. ऐसा पूरे विश्व में लगभग 300 मामले ही सामने आए हैं. जबकि छत्तीसगढ़ में संभवत: इसे पहला केस बताया जा रहा है.
बता दें कि युवक कांकेर क्षेत्र का रहने वाला है. पेट दर्द की उसे लंबे समय से शिकायत की. कई जगहों पर जांच कराने के बाद वह बीते 25 सितंबर को धमतरी के उपाध्याय नर्सिंग होम पहुंचा. तब एक्सरे, सोनोग्राफी समेत अन्य तरीकों से उसकी शारीरिक जांच की गई. तब पता चला कि युवक का हर्निया फंसा हुआ है और दोनों तरफ के अंडकोष की गोली उसकी जगह पर नहीं थी. जब युवक का ऑपरेशन किया गया तो उन्हें एक दुर्लभ अंग नजर आया. निरीक्षण और जांच से पता चला कि यह अंग गर्भाशय और नसबंदी की नली है.
सर्जरी कर निकाला गर्भाशय व नली
डॉक्टरों ने इसकी जानकारी युवक के परिजनों को दी और ऑपरेशन के लिए सहमति मांगी. फिर उनकी अनुमति के आधार पर गर्भाशय व नली को सर्जरी कर निकाला गया. इसके साथ ही दांयी अंडकोष की गोली को पेट से निकालकर नीचे थैली में रखा गया. डॉक्टरों ने बताया कि इसे औरचिडोपेक्सी कहते हैं. वहीं दाहिनी ओर के हर्निया का भी ऑपरेशन किया गया.
जीन म्यूटेशन से होती है ऐसी समस्या
इस संबंध में डॉ. रोशन उपाध्याय ने बताया कि इस बीमारी को परसिस्टेंट मलेरिया डक्ट सिन्ड्रोम कहा जाता है. यह जीन में म्यूटेशन परिवर्तन से होता है. इसमें पुरुष का जननांग बाह्य रूप से सामान्य होता है. लेकिन, पेट के अंदर महिला के गर्भाशय, नली और अंडाणु पाए जाते हैं. अब तक विश्व में इस तरह के 300 केस की पुष्टि की जा चुकी है.
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