रायपुर। छत्त्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र की शुरुआत हो रही है। आज यानि सोमवार से शुरु होने जा रहे इस सत्र में आरक्षण पर जमकर हंगामा होने के पूरे आसार है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने विधायक दल की रविवार को हुई बैठक में सत्तारुढ़ दल कांग्रेस को सदन में घेरने की रणनीति बना ली है। वहीं अन्य दल भी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे।
बता दें कि इस विधानसभा सत्र के लिए 715 सवाल पूछे गए हैं। इधर, आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने के विरोध में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने 3 जनवरी को साइंस कालेज मैदान से राजभवन तक जन अधिकार रैली निकालने का ऐलान किया है। इसमें एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं और समर्थकों के शामिल होने का कांग्रेस दावा कर रही है।
विशेष विधानसभा सत्र में 3 दिसंबर 2022 को सर्वसम्मति से आरक्षण संशोधन विधेयक को पारित किया गया था। लेकिन एक महीने बाद भी राज्यपाल अनुसुईया उइके ने इस बिल पर हस्ताक्षर नहीं किए है। कांग्रेस लगातार यह आरोप लगा रही है कि राज्यपाल भाजपा नेताओं के दबाव में विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं कर रही हैं।
दरअसल, आरक्षण संशोधन विधेयक में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए 32 प्रतिशत,अनुसूचित जाति के लिए 13 प्रतिशत और ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
भाजपा कार्यालय के सामने लगे पोस्टर
प्रदेश में आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर पोस्टर वार भी जारी है। राजधानी रायपुर के कई हिस्सों में ऐसे पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है कि आरक्षण विधेयक के अटकाए जाने के जिम्मेदार भाजपा के नेता हैं। यह पोस्टर किसने लगाया है, उसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। लेकिन भाजपा कार्यालय के सामने लगे पोस्टर पर अब सियासत शुरू हो गई है। एकात्म परिसर के पास लगे पोस्टर में लिखा है, राजभवन संचालन केंद्र इधर है। पोस्टर पर भाजपा कार्यालय की तरफ तीर का निशान लगाया बनाया गया है। इस तरह के पोस्टर तेलीबांधा चौक, शास्त्री चौक से लेकर शहर के मुख्य जगहों लगाए गए है।
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