मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ में मनेंद्रगढ़ के जनकपुर वनमंडल में आबादी क्षेत्र में घुसकर तीन इंसानों की जान लेने वाला आदमखोर तेंदुआ आखिर पकड़ लिया गया है। इसमें अचानकमार टाइगर रिजर्व की ट्रैंक्युलाइजर टीम, गुरु घासीदास नेशनल पार्क प्रबंधन और एटीआर के नेरो खोजी कुत्ते ने अहम भूमिका निभाई। नेरो ने जहां पैरों के निशान को सूंघकर लोकेशन का पता लगाया तो वहीं मौके पर एटीआर व नेशनल पार्क की टीम ने पिंजरा लगाकर मुर्गे का लालच देकर तेंदुए को कैद कर लिया है। अब उसे रायपुर ले जाया जा रहा है।
आपको बता दें कि जनकपुर वन परिक्षेत्र के अलावा गुरु घासीदास नेशनल पार्क एरिया में विचरण करने वाला ये आदमखोर तेंदुआ माहभर में तीन लोगों को अपना शिकार बनाने के साथ ही कई पालतू मवेशियों को मार चुका था। तब मृतकों के परिजनों के साथ ही स्थानीय ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग के खिलाफ धरना—प्रदर्शन शुरू कर दिया।
इधर, लगातार विरोध और तेंदुए के एक के बाद एक इंसानों की जान लेने के बाद वन विभाग के अफसरों व नेशनल पार्क प्रबंधन पर भी दबाव बढ़ रहा था। लिहाजा बिलासपुर से विशेष टीम को तेंदुए को पकड़ने के लिए बुलाया गया। यह टीम ट्रैक्युलाइजर लेकर जंगल की खाक छान रही थी। इसके साथ ही तेंदुए को पिंजरे में कैद करने की भी योजना थी। अचानकमार टाइगर रिजर्व प्रबंधन की टीम अपने साथ खोजी कुत्ता नेरो को भी लेकर पहुंची थी। वह तेंदुए की तलाश में सबसे बड़ा मददगार साबित हुआ।
उसे तेंदुए के पगमार्क को दिखाया गया, जिसे सूंघकर टीम को तेंदुए के इलाके तक पहुंचाया। टीम हाथी पर ट्रैक्युलाइजर गन लेकर पहुंचे थे। लेकिन, मौके पर तेंदुआ के नजर नहीं आने पर वहां तीन अलग—अलग पिंजरे रखे गए और उनमें मुर्गे बांधे गए। देर रात मुर्गे के लालच में तेंदुआ आया और फिर एक पिंजरे में फंस गया। इसके बाद बुधवार की सुबह उसे लेकर मैदानी इलाके में पहुंचे, जहां से उसे रायपुर लेकर निकल गए।
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