रायपुर/गरियाबंद। सरकारी सिस्टम के आगे सब बेबस दिखाई देता हैं, फिर किसान क्या चीज है। इसका एक नजारा मंगलवार को देवभोग विकासखंड में निष्ठीगुड़ा में आयोजित समाधान शिविर में देखने को मिला, जहां एक किसान मंच पर मौजूद SDM के पैरो में गिर पड़ा, किसान सिर्फ एक बात की मांग कर रहा था कि मेरी जमीन का बंटवारा करवा दीजिए।
छत्तीसगढ़ के सुशासन तिहार अभियान में गुहार लगाने के बाद भी काम नहीं बनता देख लाटापारा का कृषक अशोक कुमार कश्यप अपनी लंबित मांग को फिर से निष्ठीगुड़ा में आयोजित अंतिम समाधान शिविर में पहुंच गया। इस बार आवेदन देने के साथ मंच में चढ़कर SDM तुलसी दास के समक्ष उनके पैरों में गिरकर जमीन बंटवारा के लिए गिड़गिड़ाने लगा। इस बार भी अफसर उसे आश्वासन देकर रवाना कर दिया।
पीड़ित अशोक ने बताया कि, लाटापारा हल्का में उनकी पुरखौती जमीन 4.28 एकड़ मौजूद है। जमीन अशोक के नाम पर है, पर कब्जा बड़े भाई का है। साल भर पहले बंटवारा के लिए आवेदन दे चुका है। पूरे अभियान के दरमियान सभी जगह बंटवारा की मांग की। लेकिन आज तक सुनवाई नहीं हुई। मामले में SDM तुलसी दास ने कहा कि मौके पर रकबा कम है, फिर भी अशोक को उनके हिस्से का कब्जा दिलाया गया था। अगला पक्ष फिर से काबिज हो गया है।
तहसीलदार चितेश देवांगन का कहना है कि, अशोक के खाते में ही 2 एकड़ जमीन दर्ज है, पुराने रिकॉर्ड के आधार पर दावा भले वह 4 एकड़ का कर रहा है। देवांगन ने बताया कि बंदोबस्त सुधार के 13 मामले दर्ज है, जिसे निराकृत किया जा रहा है। दरअसल, 1991 में अंतिम बंदोबस्त हुआ है, तब की हुई त्रुटि के चलते देवभोग तहसील में जमीन विवाद से जुड़े मामले अक्सर आते हैं। बोनी के समय प्रति वर्ष तहसील और थाने में जमीन विवाद के 20 से ज्यादा मामले पहुंच जाते है।
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