सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के डीएम अनुज सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में किसानों के साथ पिछले दिनों बैठक हुई। इस दौरान उप कृषि निदेशक द्वारा गत किसान दिवस बैठक में प्राप्त समस्याओं के निस्तरण की स्थिति से अवगत कराया। किसानों की सबसे बड़ी समस्या बेसहारा पशु है जो उनके खड़ी फसलों को खा जा रहे है जिससे किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
वहीं दूसरी तरफ, कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मौसम की वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत समसामायिक जानकारी प्रदान करते हुए अपनी भूमि में जीवांश कार्बन की मात्रा बनाए रखने का सुझाव दिया। कीट/रोगों से अपनी फसल को बचाने हेतु रासायनिक उपाय के स्थान पर अन्य वैकल्पिक माध्यमों का उपयोग करने की जानकारी किसानों को दी गई।
बेसहारा पशु बड़ी समस्या
किसानों के साथ हुई बैठक के दौरान अधिकांश किसानों द्वारा बेसहारा पशुओं की समस्या प्रमुखता से उठाई गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र में पूर्ण मनोयोग से कार्य किया जा रहा है। किन्तु आम जनमानस से आपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है।
गौशाला के लिए बना रोड-मैप
जिले के सभी बेसहारा पशुओं को गौशालाओं में संरक्षित करने हेतु दिनांक-31 दिसम्बर 2022 का लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्यक्रम का रोड-मैप तैयार कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि, दो अति वृहद गौ-संरक्षण केन्द्रों हेतु भूमि चिन्हित कर प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। साथ ही आम जनमानस और किसान प्रतिनिधियों से अपील की है कि वे बेसहारा गोवंशों को पकड़वाने और गौशाला तक पहुंचाने में प्रशासन की मद्द करें।
प्रोत्साहन राशि का प्रावधान
जिलाधिकारी ने बैठक में जानकारी दी कि, गौशालाओं से बेसहारा पशुओं को पालन हेतु गोद लेने पर शासन द्वारा प्रति गोवंश प्रतिदिन 30 रूपए की प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की जा रही है। किन्तु आम जनमानस द्वारा गोवंश संरक्षण के कार्य में रूचि नहीं ली जा रही है। जबकि बेसहारा पशुओं की इस सामाजिक समस्या का निदान प्रशासन एवं समाज दोनों की आपसी भागीदारी से निकाला जा सकता है।
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