बालोद. आप गांव से हों या शहर से, यार-दोस्तों और पास-पड़ोस के लोगों के साथ मजमा लगाकर टीवी देखने की बात भी जरूर याद करते होंगे. बचपन में गांव-शहर में ऐसा ही होता था, जिसे लेकर आपके मन में भी एक नॉस्टेल्जिया होगी. लेकिन, आज साल 2023 में भी छत्तीसगढ़ में एक गांव है, जहां न सिर्फ सार्वजनिक टीवी सेट लगा हुआ है, बल्कि यहां वैसा ही मजमा लगता है, जैसा 20 से 25 साल पहले तक लगता था.
बता दें कि ये गांव बालोद जिले में पड़ता है, नाम है करहीभदर. यहां सार्वजनिक टीवी की शुरुआत भी तब हुई थी जब पंचायतों में गांववालों के लिए टीवी सेट उपलब्ध कराया गया था. बाद में योजना ठंडे बस्ते में चली गई और पुराने टीवी सेट बिगड़ने के बाद बंद हो गए. फिर कहीं ये पहल नहीं की गई. बात 1980 के आसपास की है. उसके बाद की कई पीढ़ियों को ये पता भी नहीं होगा कि पंचायतों में सार्वजनिक टीवी को लेकर ऐसी कोई योजना भी चली थी. लेकिन, इस गांव में उस समय जो परंपरा शुरू हुई उसे आज भी कायम रखा गया है. जैसे ही शाम होती है, पंचायत भवन के आसपास के लोगों की भीड़ यहां जुटने लगती है.
सुरक्षा के भी खास प्रबंध
बता दें कि गांव में सीआरटी कलर टीवी सेट को पंचायत भवन की दीवार पर खास जगह बनाकर रखा गया है. वहीं उसकी सुरक्षा के लिए खास शटर भी लगाया गया है. दिनभर उसमें ताला लटका रहता है. जैसे ही शाम होती है, शटर हटाते हैं और लोग टीवी पर सीरियल से लेकर मूवी और क्रिकेट का आनंद उठाते हैं.
बच्चों-बुजुर्गों के साथ व्यापारी भी शामिल
टीवी शुरू होते ही बच्चों से लेकर बुजुर्ग भी यहां आकर बैठते हैं. सभी विभिन्न प्रोग्राम्स का आनंद उठाते हैं. यही नहीं, आसपास से गुजरने वाले व्यापारी जो दुकान समेटकर घर लौटते रहते हैं, वे भी यहां रुककर कुछ देर तक सार्वजनिक टीवी को देखने का आनंद उठाते हैं.
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