कांकेर. छत्तीसगढ़ में कांकेर जिले में एक फूड इंस्पेक्टर द्वारा अपना मोबाइल निकालने के लिए परकोट जलाशय का पानी बहाने के मामले में अब मौखिक अनुमति देने वाले जलसंसाधन विभाग के एसडीओ के खिलाफ भी कार्रवाई तय है. इसके लिए कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है. दरअसल, कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद एसडीओ आरएल धीवर ने जो जवाब लिखा है उसे संतोषजनक नहीं माना गया है. लिहाजा कार्रवाई की अनुशंसा कर दी गई है.
बता दें कि परलकोट जलाशय में फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास का करीब डेढ़ लाख रुपये का मोबाइल उस वक्त इस डैम में गिर गया था, जब वह अपने दोस्तों के साथ यहां पार्टी मनाने आया था और बांध के पास ही सेल्फी ले रहा था. उसने पहले गोताखोरों और क्षेत्र के राशन दुकान संचालकों की मदद से तलाश की थी. जब मोबाइल नहीं मिला तो जलसंसाधन विभाग के एसडीओ आरएल धीवर को फोन पर इसकी जानकारी दी. फिर डैम से पानी निकालने के लिए चार दिन तक लगातार 30 एचपी का पंप लगाकर 4,104 क्यूबिक मीटर पानी बहा दिया था.
कलेक्टर ने तत्काल की थी कार्रवाई
मामला सामने आने के बाद कांकेर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने कार्रवाई करते हुए फूड इंस्पेक्टर राजेश विश्वास को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. वहीं जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरएल धीवर को नोटिस जारी कर 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा था. बता दें कि नोटिस के जवाब में एसडीओ ने पूरे मामले में पल्ला झाड़ते हुए जवाब में कहा है कि पानी निकालने की अनुमति नहीं दी थी. उन्हें डैम से पानी खाली करने की जानकारी नहीं थी. ऐसे में एसडीईओ का जवाब संतोषप्रद नहीं माना गया है और कलेक्टर प्रियंका ने अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए जलसंसाधन विभाग राज्य शासन को अनुशंसा करते हुए पत्र प्रेषित कर दिया है.
कलेक्टर ने पत्र में ये लिखा
कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने पत्र में कहा गया है की एसडीओ पखांजूर द्वारा परलकोट जलाशय पखांजूर से लगातार 4 दिनों तक मोटर पंप से पानी निकालने के बावजूद सूचना प्राप्त नहीं होना और 4 दिन बाद सूचना मिलने के बाद भी उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं किया जाना दर्शाता है कि क्षेत्र में उनके द्वारा जलाशयों का नियमित पर्यवेक्षण नहीं किया जा रहा है. यह उनके पदीय दायित्वों के निर्वहन के प्रति उनकी लापरवाही व उदासीनता को दर्शाता है.
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