रायपुर। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहां एक शासकीय विभाग ने मीडिया पर कई पाबंदियां के साथ रोक लगा दी है। छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने 13 जून 2025 को मीडिया के लिए एक प्रोटोकॉल घोषित किया है। जिसमें मीडिया पर सेंसरशिप लगाई गई है। मीडिया के अस्पतालों में घुसने पर पाबंदी लगा दी गई है। स्वास्थ्य विभाग से जारी आदेश में कहा गया है कि, अस्पतालों में जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) बैठाएं जाए जो मीडिया को दिशा-निर्देश देंगे। अस्पताल से संबंधित कोई भी व्यक्ति मीडिया से संपर्क नहीं करेंगा, न्यूज कवरेज के लिए पहले पीआरओ से अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
मीडिया कवरेज पर रोक
इस फरमान में यह भी कहा गया है कि किसी भी मरीज की गोपनीयता का पूरा ख्याल रखा जाएगा और उससे संबंधित जानकारी मीडिया से साझा नहीं की जाएगी। जब तक उससे कानूनी संरक्षक इसकी अनुमति न देंवे। अस्पतालों में मीडिया कवरेज पर सख्त रोक लगाई जाए। इस आदेश को मीडिया की सेंसरशिप के तौर पर देखा जा रहा है। मीडिया से जुड़े लोग इसे अघोषित इमरजेंसी के तौर पर देख रहे है।
आदेश के प्रमुख बिंदु
- अस्पताल का कोई भी कर्मचारी मीडिया से सीधे संपर्क नहीं करेगा।
- मीडिया को किसी भी रोगी की फोटो, वीडियों या जानकारी नहीं लेने दी जाएगी।
- मरीजों के वार्डों में कवरेज व घुसने पर मीडिया पर सख्त पाबंदी लगाई जाए।
- किसी भी घटना-दुर्घटना पर रोगियों के नाम व पहचान न बताई जाए।
- सभी अस्पतलाओं में पीआरओ नियुक्त किए जाए।
- मीडिया को अस्पताल परिसर में जाने से पहले पीआरओ की अनुमति लेनी अनिवार्य होगी।
- फोटो, वीडियों की अनुमति उस जगह ही दी जाएगी, जहां कोई रोगी न हो।
- किसी भी बड़ी दुर्घटना या आपातकालीन स्थिति में यह तय किया जाए कि मीडिया को कब और कैसे जानकारी देनी है।
- यह जानकारी सटीक और आधिकारिक होनी चाहिए।
- अस्पतालों के सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी शेयर करने के लिए नीति बनाई जाए।
- एक स्थान तय किया जाए, जहां पीआरओ मीडिया को एक साथ जानकारी दें।
- इस प्रोटोकॉल के उल्लघंन पर कार्यवाही की जाएगी, जो मीडिया पर्सन इसका उल्लघंन करेगा, उनके मीडिया संस्थान के प्रमुख को इसकी शिकायत की जाएगी।
दरअसल, यह आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव ने जारी किया है। 13 जून 2025 के इस आदेश में कहा गया है कि, इस प्रोटोकॉल को पांच दिन के अंदर लागू किया जाए।
कांग्रेस ने बताया हिटलरशाही
वहीं, छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने अपने सोशल मीडिया के एक्स पर लिखा है कि, इस नियम-कानून को साय सरकार की हिटलरशाही, लोकतंत्र के चतुर्थ स्तम्भ पर बंदिश, मीडिया के लिए आपातकाल लागू होगा बताया है। मीडिया को कवरेज से पहले अनुमति लेने का फरमान, आखिर क्या अस्पतालों की दुर्दशा सुधारने में सरकार की कोई रुचि नहीं है, इस लिए कैमरे पर पहरा लगा दिया गया है।
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