रायपुर। सड़क और हाईवेज पर होने वाले हादसे के बाद समय पर इलाज न मिलने के कारण हर साल लाखों लोग अपनी जान गंवा देते हैं। एक तरफ जहां सड़क पर घायल हुए मरीज समय पर हॉस्पिटल पहुंचने में नाकाम हो जाते हैं, तो वहीं हॉस्पिटल में लगने वाली भारी भरकम फीस न दे पाने के कारण भी लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में वर्ष 2024 में 14,853 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 6752 लोगों की मौत हुई, 12573 लोग घायल हुए। वहीं, उत्तर प्रदेश में 2024 में कुल 46,000 से अधिक सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें से 24,000 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवा दी। ऐसे में सरकार ने इस समस्या पर संज्ञान लेते हुए इसका हल निकाला है। जिससे कि अब सड़क के बाद पैसे के अभाव के कारण लोगों को अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी।
मुफ्त में होगा इलाज
भारत सरकार ने मई 2025 से कैशलैस ट्रीटमेंट स्कीम की शुरुआत की है, जो सड़क हादसों में घायल हुए लोगों के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनेगी। सरकार की स्कीम के तहत सड़क पर घायल हुए व्यक्ति को तत्काल हॉस्पिटल में इलाज उपलब्ध कराया जाएगा और इसके लिए सरकार की तरफ से डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलेगी। घायलों को 1.5 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं इसके लिए किसी भी प्रकार के कागजी झंझट या किसी इंश्योरेंस पॉलिसी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इन हॉस्पिटलों में मिलेगी सुविधा
सुविधा का लाभ सरकार के द्वारा चिन्हित किए गए हॉस्पिटलों में ही मिलेगा। पूरे देश भर में निजी हॉस्पिटलों का चयन करते हुए इस योजना से जुड़ेगी, जिससे हादसे के तुरंत बाद घायलों का इलाज शुरू किया जा सके और उनके जीवन को बचाया जा सके। इस स्कीम का लाभ सड़क पर किसी भी प्रकार से घायल होने वाले व्यक्ति को मिलेगा चाहे वह गाड़ी चला रहा हो या उसमे बैठा हो या सड़क पर पैदल जा रहा हो, बस हादसा सड़क पर हुआ हो।
सड़क सुरक्षा के लिए पीएचक्यू मे गठित अंतरविभागीय लीड एजेंसी में सभी कलेक्टर, पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया गया है। भारत सरकार के राजपत्र में 5 मई को प्रकाशित नगदी रहित उपचार स्कीम 2025 अधिसूचना के हवाले से राज्य एजेंसी ने यह आदेश जारी किया है। यह कैश लेस इलाज, दुर्घटना के बाद पहले 7 दिन तक 1 लाख 50 हजार रूपए तक हो सकेंगा।
जांच के साथ ऑपरेशन भी होगा मुफ्त
ऐसी स्थिति में घायलों को सरकार के द्वारा चिन्हित हटस्पिटलों में तुरंत भर्ती कराया जाने की आवश्यकता होगी। इस स्कीम के तहत सिर्फ शुरुआती इमरजेंसी इलाज ही नहीं मिलेगा, बल्कि घायलों की चोट की गंभीरता के हिसाब से हॉस्पिटल में मरीज के ठीक होने तक, इलाज के साथ-साथ ऑपरेशन जरूरत के अनुसार जांच और डायग्नोसिस जैसे सभी जरूरी मेडिकल स्पोर्ट भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
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