रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में EOW और ACB की टीम ने प्रदेश के 13 से ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की। जांच एजेंसी ने रायपुर, जगदलपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और अम्बिकापुर में एक साथ छापा मारा था। इन ठिकानों से प्रकरण से संबंधित दस्तावेज, मोबाइल, इलेक्ट्रानिक उपकरण, बैंक अकाउंट और जमीनों में निवेश से संबंधित दस्तावेज के साथ 19 लाख रुपए नगद बरामद हुए है।
जांच एजेंसियां कर रही अपना काम- सीएम छत्तीसगढ़
प्रदेश के 5 जिलों में 13 ठिकानों पर एक साथ हुई EOW और ACB की रेड पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान सामने आया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ''शराब घोटाले की जांच केंद्रीय और राज्य की एजेंसियां कर रही हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कानून के मुताबिक सजा दी जाएगी।
जानिए छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
प्रदेश के शराब घोटाले की जांच ED कर रही है। ईडी ने उसे लेकर ACB में केस दर्ज किया है। ईडी की जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भूपेश बघेल सरकार के दौरान आबकारी मंत्री कवासी लखमा, IAS अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी ए.पी त्रिपाठी, कारोबारी अनिल ढेबर और अरविंद सिंह ने मिलकर एक सिंडिकेट तैयार किया, जिसके जरिए छत्तीसगढ़ आबकारी नीति में कुछ चुनिंदा शराब कारोबारियों को फायदा पहुंचाने की नीयत से बदलाव किए गए थे।
इसके साथ ही शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम लगाकर भी करोड़ों की चपत आबकारी विभाग व राजस्व को लगाई गई। जिसके कमीशन के तौर पर सिंडिकेट में करोड़ों रुपए कमाए गए। इस मामले में तत्कालीन आपकारी मंत्री कवासी लखमा, तत्कालीन IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अनिल ढेबर और अरविंद सिंह समेत कई अधिकारी जेल में है।
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