रायपुर. Lumpy Virus in Cattles: गाय, बैल व बछड़ों के स्किन में होने वाली गंभीर बीमारी के वाहक लंपी वायरस की छत्तीसगढ़ में एक बार फिर दस्तक हो गई है. वर्तमान में उत्तरी छत्तीसगढ़ में कई मवेशियों को ये समस्या होने लगी है. प्रतिदिन सरगुजा संभाग के विभिन्न इलाकों में 10 से 15 मवेशी चपेट में आ रहे हैं. अपने मवेशियों को इस बीमारी से बचाने व सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण ही बेहतर उपाय है.
बता दें कि लंपी मवेशियों में होने वाली एक संक्रामक बीमारी है. यह तेजी से एक से दूसरे मवेशियों में फैलती है. वहीं एक बार मवेशी चपेट में आ जाए तो उसके शरीर में जगह-जगह घाव होने लगते हैं. जिससे एक मवेशी के संक्रमित होने पर इसके साथ अन्य मवेशियों में फैलने का खतरा बढ़ जाता है. मवेशी ज्यादा संक्रमित होता है तो खाना-पीना भी छोड़ देता है. इससे उनकी मौत का खतरा भी बढ़ जाता है.
सरगुजा में टीकाकरण शुरू
पशु चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, सरगुजा जिले में चार लाख से ज्यादा मवेशी हैं. लेकिन, अभी वहां केवल 90 हजार वैक्सीन मिली है. इसके बाद भी वैक्सीनेशन शुरू कर दिया गया है. साथ ही 3 लाख और वैक्सीन मंगाई गई है. उनके आते ही टीकाकरण को और तेज कर दिया जाएगा.
इंसानों को इसलिए खतरा
बताया जाता है कि लंपी वायरस से एक ओर तो मवेशियों को खतरा तो रहता ही है, इसके साथ ही इंसानों के लिए भी यह कम खतरनाक नहीं है. दरअसल, लंपी से संक्रमित मवेशियों के दूध का इस्तेमाल करना खतरे से खाली नहीं रहता है. इसीलिए दोनों को खतरे से बचाने के लिए टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है.
ऐसे करें बचाव
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