दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के नेवईभाटा क्षेत्र की सड़क के किनारे आपको काटे गए पेड़ों की जड़े शीर्षासन करती नजर आएंगी। सुनने में जरा अजीब जरुर लग रहा होगा। लेकिन ऐसा ही कुछ प्रकृति प्रेमी ने कर दिखाया है। मूर्तिकार अंकुश देवांगन ने सड़क के किनारे लगभग 20 कटे और सूखे पेड़ों को उल्टा लगाया है। इसके जरिए वे संदेश देना चाहते हैं कि इसी तरह विकास के नाम पर अगर पेड़ों की बलि होती रही तो एक दिन मानव जीवन का अस्तित्व भी उल्टे पेड़ की तरह हो जाएगा।
पेड़ों को बचाने का अनोखा संदेश
मूर्तिकार अंकुश देवांगन बताते है कि जब सड़क किनारे पेड़ों को कटा हुआ देखा तो समाज की सोच और प्रकृति के बचाव को लेकर विचार किया। तभी उनके मन में प्लान आया कि क्यों न कटे हुए पेड़ों को उल्टा लगाया जाए और इससे समाज को प्रकृति बचाने का संदेश दिया जाए। उल्टे पेड़ों को देखने से लोग आकर्षित जरूर होंगे और एक पल के लिए ये जरूर सोचेंगे कि इस तरह पेड़ों को क्यों लगाया गया हैं। साथ ही कलात्मक नजरिए से भी यह सबको अपनी ओर खींच सकेगा।
आज उल्टा पेड़ नजर आ रहा है। फिर भी नहीं संभले तो कल आपकी जिंदगी उल्टी नजर आएगी। इस पर भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) के अधिकारियों से चर्चा की। उनको भी यह योजना अच्छी लगी। बीएसपी के सहयोग से पेड़ों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क के दोनों किनारे बड़े-बड़े पेड़ों को उल्टा लगाना शुरू किया।
अब तक 20 पेड़ लग चुके
अंकुश देवांगन ने अब तक 20 ऐसे पेड़ लगा चुके हैं। आधा किलोमीटर तक इसे लगाने की योजना है। पर्यावरण के प्रति जागरुकता का संदेश देने के लिए अलग-अलग जगहों पर काटे गए पेड़ों को जेसीबी से उठाकर नेवईभाटा स्थित बीएसपी तक लगाया जा रहा है। ताकि हर किसी की सोच के परिवर्तन आ सके और प्रकृति को बचाने की मुहिम में वे भी आगे आएं। शहर में पेड़ों की संख्या में आए दिन कम हो रही है। जिसको देखते हुए देवांगन ने लोगों से अपील की है कि अपने जन्मदिन, शादी सालगिरह में पौधे लगाकर उनकों संरक्षित करें। बच्चों से पेड़ लगवाएं, ताकि आने वाली पीढ़ी को एक संदेश दिया जा सके कि पेड़ हमारी जिंदगी के लिए कितने जरुरी है।
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