रायपुर। राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में रविवार की रात पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले बाउंसर्स और कंपनी के मालिक का मुंडन कर पुलिस ने जुलूस् निकाला। तीनों आरोपियों का रायपुर के जय स्तंभ चौक से पुलिस ने जुलूस निकाला। भीड़-भरी सड़क पर बदमाशों के जुलूस को देखने के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग सड़क पर एकत्रित हो गए। इस मामले में मौदहापारा थाना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। बाउंसर एजेंसी के संचालक वसीम बाबू और उसके दो साथी बाउंसरों को गिरफ्तार किया गया है। खबर है कि वसीम के घर से पिस्तौल और गोलियां बरामद कर ली गई हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में रविवार की रात पत्रकारों को सड़क पर उतरना पड़ा। दरअसल अंबेडकर अस्पताल में बाउंसर ने मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की। पता चला है कि रिपोर्टर्स चाकूबाजी की घटना में घायल शख्स से जुड़ी रिपोर्टिंग करने अंबेडकर अस्पताल पहुंचे थे। समाचार बनाने से रोकने के लिए बाउंसर हाथापाई पर उतर आए। अपने साथियों से मारपीट की खबर मिलते ही रायपुर के अन्य पत्रकार और प्रेस क्लब के पदाधिकारी अंबेडकर अस्पताल पहुंच गए। तब बाउंसर्स ने पुलिस के सामने ही पत्रकारों के साथ दोबारा धक्का-मुक्की शुरू कर दी। प्रेस क्लब अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने देर रात फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले लोगों को मिट्टी में मिला देंगे।
एजेंसी संचालक ने पत्रकार पर तानी पिस्तौल
चाकूबाजी की घटना में घायल की रिपोर्टिंग करने से रोकने के बाद विवाद तब बढ़ा जब अस्पताल में गार्डस और बाउंसर्स सप्लाई करने वाली एजेंसी का संचालक वसीम बाबू पिस्तौल लेकर अस्पताल पहुंच गया। वसीम ने 3 बाउंसरों के साथ मिलकर पत्रकारों को धमकाया। इस वक्त अस्पताल के गेट पर ही पुलिस ने रिपोर्टर्स को रोका। सभी पत्रकार बाउंसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग लेकर नारेबाजी करने लगे। लगभग 3 घंटे बीत जाने के बावजूद भी कोई कार्रवाई न होती देख पत्रकारों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर दिया।
सीएम आवास के बाहर बैठे पत्रकार
आधी रात जब बड़ी संख्या में पत्रकार मुख्यमंत्री आवास के गेट के बाहर धरने पर बैठ गए तब एसएसपी डॉक्टर लाल उम्मेद सिंह वहां पहुंचे। मीडियाकर्मियों की मांग पर अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर मुख्यमंत्री निवास गेट के पास पहुंचे। उन्होंने पत्रकारों के साथ सड़क पर प्रदर्शन कर रहे मीडियाकर्मियों से दुर्व्यवहार को लेकर माफी मांगी। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पताल की सुरक्षा में लगी कॉल मी सर्विस के टेंडर को निरस्त किए जाने की अनुशंसा को सरकार को लिखेंगे। दोबारा अस्पताल में पत्रकारों के साथ ऐसा व्यवहार ना हो यह भी सुनिश्चित करेंगे।
पत्रकारों की भूमिका का सम्मान होना चाहिए- चंद्राकर
रायपुर में पत्रकारों के साथ धमकी और मारपीट के मामले में विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि मरीज हो या पत्रकार हो, किसी के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए। ट्रांसपेरेंसी से प्रशासन को ज्यादा लाभ मिलेगा। पत्रकारों की भूमिका व्यवस्था में ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए होती है। पत्रकारों की भूमिका का सम्मान होना चाहिए। ऐसी घटना की मैं निंदा करता हूं।
पूर्व सीएम बघेल ने की पत्रकारों से मारपीट की निंदा
राजधानी रायपुर के मेडिकल कालेज हॉस्पिटल में पत्रकारों के साथ सुरक्षा में लगे बाउंसरों द्वारा मारपीट और धमकी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पत्रकारों से मारपीट की घटना की निंदा करता हूं। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि आगे ऐसी घटना ना हो।
पत्रकार साथियों के साथ खड़ा हूं- टीएस सिंहदेव
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि मेकाहारा अस्पताल, प्रदेश के सबसे बड़े और प्रख्यात सरकार अस्पताल में हुई अप्रिय और हिंसक घटना बहुत चौंकाने वाली और अत्यंत निन्दनीय है। सरकारी अस्पताल में बाउंसर के रूप में हिंसक और असामाजिक तत्वों का मौजूद होना, और पत्रकारों के विरुद्ध प्रशासन की मौजूदगी में हिंसा और बदतमीजी करना प्रदेश की कानून व्यवस्था और पत्रकारिता की स्वतंत्रता का हाल साफ दिखाता है। प्रदेश के पत्रकार साथियों के साथ मजबूती से खड़ा हूं। उनकी सुरक्षा, रिपोर्ट और सवाल करने की स्वच्छंदता के लिए पूरी शक्ति के साथ आवाज उठाऊंगा।
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