सुकमा. छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जिला अस्पताल में पदस्थ स्टाफ नर्स गर्भ में पल रहे बच्चों और नवजातों का सौदा कर रही थी. मामले का खुलासा होने पर कलेक्टर के आदेश पर उसे सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही उसके खिलाफ एफआईआर कराई गई है.
बता दें कि बस्तर संभाग के इस आदिवासी इलाके में गरीब, जरूरतमंद परिवारों की महिलाएं इलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचती हैं. कई महिलाएं तो ऐसी भी रहती हैं, जिनके पहले से ही बच्चे हैं. उन्हें और बच्चे की जरूरत नहीं है. किसी को इसी वजह से गर्भपात कराना होता है. जिला अस्पताल में पदस्थ स्टाफ नर्स पद्मा नेताम ऐसे महिलाओं से अस्पताल में ही संपर्क करती थी.
इसके बाद गर्भ में पल रहे बच्चों तक का सौदा कर लेती थी. यही नहीं, जिला अस्पताल में ही उनका जन्म होता था और फिर वह महज 20 से 30 हजार रुपये देकर बच्चों का सौदा खुद लाखों में करती थी. यह खेल लंबे समय से चल रहा था. आखिरकार इसका भेद खुल गया. तब मामले की जांच की गई, जिसमें इसकी पुष्टि हुई.
कलेक्टर के निर्देश पर जांच
मामले की शिकायत सुकमा कलेक्टर हरिस एस. तक पहुंची. तब उन्होंने बाल संरक्षण इकाई सुकमा के अफसरों को पूरे मामले की पड़ताल करने को कहा. इसके बाद नर्स पर नजर रखी जाने लगी. आखिरकार उसने एक बार फिर रामाराम ग्राम पंचायत की एक महिला से सौदा किया और बच्चे को खरीद लिया. वहीं एक अन्य व्यक्ति को उेस लाखों रुपये में बेच दिया. जबकि महिला को 30 हजार रुपये देकर भेज दिया.
किया निलंबित
एक बार फिर कलेक्टर को रिपोर्ट के साथ शिकायत की गई तो उन्होंने नर्स को निलंबित करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर के आदेश दिए. अब जाकर नर्स पद्मा नेताम को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही सुकमा के कोतवाली थाने में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
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