सुकमा. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में आतंक का तांडव जारी है. शनिवार की रात नक्सलियों ने नागाराम गांव में पुलिस मुखबिरी के आरोप में उपसरपंच हेमला सुकला की गला रेतकर हत्या कर दी. इस खौफनाक घटना की खबर फैलते ही गांव में दहशत का माहौल बन गया.
पटेलपारा निवासी हेमला सन्नी ने भी इसी दहशत के चलते आत्महत्या कर ली. दरअसल, नक्सलियों की केरलापाल कमेटी ने इस घटना की जिम्मेदारी ली है और पर्चे के माध्यम से हेमला सुकला समेत 18 अन्य लोगों को भी मौत की सजा सुनाई है. इस घटना से गांव के लोग डरे और सहमे हुए हैं. प्रशासन की ओर से अभी तक इस घटना की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.
छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा कोई नई बात नहीं है. यहां के बस्तर और सुकमा जैसे क्षेत्र नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में गिने जाते हैं. नक्सलियों का आतंक और सुरक्षा बलों के साथ उनका संघर्ष दशकों से चला आ रहा है. बीते कुछ समय से सरकार की ओर से नक्सलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिसके चलते नक्सली बौखलाए हुए हैं.
पिछली घटनाएं: नक्सली हिंसा का इतिहास छत्तीसगढ़ में लंबा है. हाल के वर्षों में सुरक्षा बलों ने कई महत्वपूर्ण अभियानों को अंजाम दिया है, जिनमें नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. कुछ महीने पहले ही सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में कई शीर्ष नक्सली कमांडर मारे गए थे. वहीं, इस साल की शुरुआत में ही एक बड़ी मुठभेड़ के बाद नक्सलियों ने कई गांवों में धमकी भरे पर्चे फेंके थे. ऐसे ही पर्चे के माध्यम से नक्सलियों ने 18 लोगों को मौत की सजा सुनाई है.
बस्तर में जारी है अभियान: छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार के गठन के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है. सरकार के गठन के नौ महीने के भीतर लगभग 150 नक्सलियों का सफाया कर दिया गया है, वहीं 500 के करीब नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और लगभग 200 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. सरकार का मानना है कि जारी नक्सली उन्मूलन अभियान से नक्सलियों में खौफ का माहौल है, और इसी बौखलाहट में वे निर्दोष लोगों को निशाना बना रहे हैं.
पिस रहे ग्रामीण: नक्सली आतंक का साया बस्तर और सुकमा के ग्रामीण इलाकों में गहराता जा रहा है. हर बार जब भी सुरक्षा बलों की ओर से कोई बड़ा अभियान चलाया जाता है, नक्सली ग्रामीणों को धमकाने के लिए ऐसी कायराना हरकतें करते हैं. उनकी इस क्रूरता से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग बेहद डरे और सहमे हुए हैं. सरकार और सुरक्षा बलों का दावा है कि वे नक्सलियों को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इसके लिए लगातार अभियान जारी रहेंगे.
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