बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में डॉक्टरों द्वारा लाश से किडनी निकाले जाने के आरोपों की जांच पूरी हो गई है. 27 दिनों बाद कब्र से शव निकलवाया गया था और डॉक्टरों की टीम ने जांच कर इस बात की पुष्टि कर दी है. इसके साथ ही मामला भी क्लियर हो गया है.
बता दें कि जिले के पचपेड़ी क्षेत्र के सोन-लोहर्सी गांव का निवासी धर्मदास मानिकपुरी सड़क हादसे में घायल हो गए थे. उन्हें इलाज के लिए बिलासपुर के प्रथम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. परिजनों शव लेकर घर चले गए. अंतिम संस्कार के दौरान शव को देखा तो उन्हें पेट के पास चिरे का निशान दिखा. उनके बीच चर्चा हुई कि कहीं यहां से काटकर किडनी तो नहीं निकाली गई है. लेकिन, जल्दबाजी में उन्होंने शव को दफना दिया. लेकिन, आशंका बनी रही.
कलेक्टर के आदेश के बाद निकलवाया शव
मृतक के बेटे ने थाने से लेकर कलेक्टर तक न्याय की गुहार लगाई. उसका कहना था कि शव निकलवाकर जांच कराई जाए. जब उन्हें शक हुई तब वे तय नहीं कर पाए थे कि मुद्दे को आगे ले जाएं या नहीं, बाद में एहसास हुआ कि यदि ऐसा हुआ है तो ये गलत है. इसलिए जांच की जाए. तब कलेक्टर के आदेश के बाद शव को निकलवाया गया और डॉक्टरों की टीम ने जांच की.
जांच में इस बात की हुई पुष्टि
आखिरकार जांच रिपोर्ट आ गई है. बता दें कि डॉक्टरों ने जांच कर स्पष्ट किया है कि शव से किडनी नहीं निकाली गई थी. इसके साथ ही परिजनों की आशंका गलत साबित हुई है. वहीं अस्पताल द्वारा सफाई में कही जा रही बात भी सही निकली है. इससे अस्पताल प्रबंधन ने भी राहत की सांस ली है.
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