रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक अप्रैल से 30 जून 2023 तक राज्य सरकार द्वारा गरीबों को आवास दिलवाने के लिए सर्वे कराने का ऐलान किया है. इसके माध्यम से जरूरतमंदों को पक्के आवास दिलवाने की कवायद की जाएगी. दरअसल, सीएम ने रविवार को एक के बाद एक छह ट्वीट किए. इसमें उन्होंने न सिर्फ ये ऐलान किया, बल्कि पीएम आवास को लेकर बीजेपी नेताओं को राज्य सरकार को बदनाम करने का आरोप भी लगाया.
सीएम ने ट्वीट के जरिए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर बीजेपी नेता राज्य सरकार पर आरोप लगाते रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार लगातार मांग के बाद भी सर्वे नहीं करा रही है. अब राज्य सरकार सर्वे के माध्यम से पिछले 12 सालों में गांवों में बने पक्के आवासों की प्राथमिक जानकारी हासिल करेगी. इसके बाद जरूरतमंद आवासहीनों के लिए क्रमबद्ध तरीके से आवास के लिए मंजूरी दी जाएगी.
उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष के साथियों के साथ ही राज्य की जनता को आश्वस्त करता हूं कि राज्य के सभी पात्र हितग्राहियों को पक्के आवास मुहैया कराने के लिए हमारी सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है. उन्होंने ऐलान किया कि प्रदेश के हितग्राहियों को पक्का मकान देने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है.
सच छिपा रहे बीजेपी नेता
बीजेपी नेताओं पर राज्य सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए सीएम ने लिखा है कि छत्तीसगढ़ को डेढ़ दशक तक नकारात्मकता के आवरण में लपेटकर रखने वाले कुछ लोग पिछले कुछ दिनों से प्रदेश को बदनाम करने का एक सुनियोजित अभियान चला रहे हैं. कह रहे हैं कि लोगों को आवास स्वीकृत नहीं हो रहे हैं.
छत्तीसगढ़ को राष्ट्र पटल पर बदनाम करने वाले यह सच क्यों छिपा रहे कि आवासों की स्वीकृति के मामले में हमारा छत्तीसगढ़ राज्य असम, बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बंगाल, आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक राज्यों से बेहतर स्थिति में है. केंद्र सरकार को सुझाव देते हुए अपने एक ट्वीट में सीएम ने बिंदुवार अलग-अलग योजनाओं की सूची भी दी है.
इन बिंदुओं पर होगा सर्वे
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