बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के संबंध में एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. इसके तहत अब एक बार टीईटी दिलाने के बाद उसकी पात्रता जीवनभर रहेगी. यानी दोबारा एग्जाम दिलाने की जरूरत कभी नहीं पड़ेगी. एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. इसके साथ ही शिक्षक भर्ती व परीक्षा की तैयारियों में जुटे हजारों युवाओं को इससे बड़ी राहत मिली है.
बता दें कि संचालक लोक शिक्षण रायपुर ने बस्तर और सरगुजा संभाग में शिक्षकों के खाली पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर आवेदन मंगाए थे. तब राजनांदगांव निवासी मनीषा ठाकुर ने भी आवेदन पेश किया. इसमें उसे सफलता मिली. इस बीच संयुक्त संचालक शिक्षा बस्तर ने उसके टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने का हवाला देकर उसे नियुक्ति के लिए अपात्र घोषित कर दिया.
तब मनीषा ने इसे लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर संयुक्त संचालक के आदेश को चुनौती दी. मनीषा के वकील ने कोर्ट के समक्ष बताया कि एनसीटीई ने वर्ष 2021 में प्रमाणपत्र की वैधता आजीवन कर दी है. इसके आधार पर राज्य शासन ने भी 2021 में सर्कुलर जारी कर टीईटी प्रमाणपत्र को आजीवन वैध करार दिया है.
ऐसे में उन्हें टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता समाप्त होने के आधार पर अपात्र किया जाना गलत है. मामले की सुनवाई जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल के कोर्ट में हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता को अभ्यावेदन दे और शासन 60 दिवस के अंदर नियमानुसार निराकृत कर नियुक्ति के संबंध में निर्णय ले.
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