बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की बहू व जकांछ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया है. इसे उनके लिए बड़ी राहत मानी जा रही है, क्योंकि फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के मामले में उनके खिलाफ अपराध दर्ज है और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. फिलहाल के लिए अब गिरफ्तारी का खतरा उन्हें नहीं रहेगा.
मुंगेली जिले के कोतवाली थाने में उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर ऋचा जोगी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी. इसी के आधार पर उन पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया था. पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा सीट रिक्त थी, जिसे भरने के लिए यहां साल 2020 में उपचुनाव कराया गया. अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र पहले ही खारिज कर दिया गया था. ऐसे में जकांछ प्रत्याशी के रूप में ऋचा जोगी को आगे किया गया था.
ऋचा का नामांकन आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित मरवाही विधानसभा क्षेत्र में निर्वाचन के लिए दाखिल किया गया. तब उनका मुंगेली तहसीलदार द्वारा जारी किए गए आदिवासी वर्ग के प्रमाण पत्र को प्रस्तुत किया गया था. इसी पर आपत्ति दर्ज कराई गई. स्क्रूटनी के दौरान उनके नामांकन को निरस्त कर दिया गया. साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनके द्वारा पेश जाति प्रमाण पत्र को जांच कराने का आदेश दिया. इस जांच में भी यह साबित हुआ कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए ये प्रमाण पत्र प्राप्त किया गया है.
अफसरों ने मुंगेली के सिटी कोतवाली थाने में मामले की शिकायत की गई और उसी के आधार पर पुलिस ने अपराध दर्ज किया. इसके बाद से ऋचा जोगी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. इस बीच उन्होंने अपने वकील के जरिए अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी. शुक्रवार को इस पर फैसला आया है.
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