सूरजपुर. कहते हैं कि मां मां होती है. वह अपने जिगर के टुकड़े को मौत के मुंह से भी बाहर ला सकती है. कुछ ऐसा ही मामला सूरजपुर जिले के ओड़गी क्षेत्र में सामने आया है. यहां 12 साल का बच्चा अपने घर के बाहर खेल रहा था. तभी तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया. वह कुछ और नुकसान कर पाता, इससे पहले ही बच्चे की मां लाठी लेकर आ गई और तेंदुए से भिड़ गई. आखिरकार तेंदुए को भागना पड़ा. इधर, बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां वह खतरे से खाली है.
मामला सूरजपुर जिले के ओड़गी ब्लॉक के ग्राम बेदमी का है. इस पूरे इलाके में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के तेंदुआ समेत दूसरे वन्य प्राणियों की मौजूदगी रहती है. एक तेंदुआ के भी आबादी क्षेत्र में पहुंचने की जानकारी मिल रही थी. शुक्रवार की शाम बेदमी गांव में सुरेंद्र गुर्जर का 12 वर्षीय बेटा सौरभ अपने घर के बाहर खेल रहा था. तभी तेंदुआ ने उस पर हमला कर दिया. इस दौरान बच्चा चिल्लाने लगा. तब आसपास के लोग मौके पर पहुंचते, इससे पहले ही बच्चे की मां ने हिम्मत दिखाई और डंडा लाकर तेंदुए पर टूट पड़ी.
शोर सुनकर भागा
एक ओर बच्चे की मां तेंदुए पर लाठी से प्रहार कर रही थी तो दूसरी ओर, आसपास के लोग पहुंच गए. उन्होंने शोर मचाना शुरू किया. तब तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग निकला. इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली. वहीं बच्चे के पास जाकर देखा तो उसके शरीर में जगह-जगह नुकीले दांत और पंजों के निशान पड़ चुके थे. उसे तत्काल ओड़गी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया. वहां उसका उपचार किया जा रहा है.
बाघ ने 2 को उतारा था मौत के घाट
इस इलाके में तेंदुए के साथ ही बाघों की भी मौजूदगी है. पिछले कुछ माह पहले जंगल में लकड़ी लेने गए 3 लोगों पर उसने हमला किया था. इसमें 2 की जान चली गई थी. बाद में बाघ का रेस्क्यू कर उसे जंगल सफारी रायपुर भेजा गया था. वहां से उसे अचानकमार टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किया गया. वहीं इस तेंदुए के बारे में बताया जा रहा है कि इसने गांव से लगे जंगल में कई मवेशियों की जान ली थी. लेकिन, इस बार गांव में ही घुस गया.
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