बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में आरोपियों की याचिकाओं को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, अरुणपति त्रिपाठी, अनवर ढेबर और विधु गुप्ता सहित सभी आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की बेंच ने यह फैसला सुनाया.
बता दें कि इस शराब घोटाले में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, अनवर ढेबर, विधु गुप्ता, निरंजन दास और एपी त्रिपाठी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. इन आरोपियों पर घोटाले में शामिल होने और सरकारी पद का दुरुपयोग करने का आरोप है.
आरोपियों ने एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज की गई एफआईआर को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं. आरोपियों का दावा था कि उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर निराधार है और इसे निरस्त किया जाना चाहिए. उन्होंने अदालत से अपने पक्ष में न्याय की गुहार लगाई थी.
बीते 10 जुलाई को हाई कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. मंगलवार को यह फैसला सार्वजनिक किया गया, जिसमें हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया. इस फैसले के बाद अब आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही का मार्ग प्रशस्त हो गया है.
हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद शराब घोटाले के आरोपियों के लिए कानूनी लड़ाई और भी कठिन हो गई है. अब इन आरोपियों को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा और उनके खिलाफ एसीबी और ईओडब्ल्यू की जांच आगे बढ़ेगी.
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