बिलासपुर. छत्तीसगढ़ के भू-अभिलेख शाखा में पदस्थ असिस्टेंट सुप्रीटेंडेंट (सहायक अधीक्षक) ने नजूल शाखा में नई भर्ती के लिए तैयार चयनितों की गोपनीय सूची को अपने पेनड्राइव में चुराकर रख लिया. फिर चयनितों को फोन कर पैसों की मांग करने लगा. मामले की शिकायत के बाद राजस्व सचिव ने उसे सस्पेंड कर दिया है.
पूरा मामला बिलासपुर के कलेक्टोरेट कैंपस में संचालित भू-अभिलेख शाखा का है. बता दें कि यहां सहायक अधीक्षक के रूप में खिलेंद्र यादव पदस्थ था. बीते कुछ महीनों पहले शासन के निर्देश पर विशेष भर्ती अभियान चलाया गया. इसी कड़ी में बिलासपुर कलेक्टर कार्यालय स्थित डीएमएफ मद से नजूल शाखा में क्लर्कों की भर्ती के लिए आवेदन मंगाया गया. भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी जिला प्रशासन के तीन बड़े अफसरों को दी गई थी.
ऐसे की गड़बड़ी
भर्ती प्रक्रिया की जिम्मेदारी डिप्टी कलेक्टर एएस दुबे, पीयूष तिवारी और कंवर को प्रभारी बनाकर दी गई थी. उनकी देखरेख में आवेदकों की जानकारी को सिस्टम में मेरिट के आधार पर अपलोड किया गया था. मेरिट सूची तैयार करते समय गोपनीयता के साथ पारदर्शिता का पूरा ख्याल रखा गया था. इसी दौरान उन्हें जानकारी मिली कि सहायक अधीक्षक खिलेंद्र यादव ने मेरिट सूची को अपने पेन ड्राइव में ले लिया है. इसके साथ ही वह मेरिट सूची वालों से संपर्क कर क्लर्क बनने के लिए लेनदेन की बात कर रहा है.
कलेक्टर ने राजस्व सचिव को सौंपी रिपोर्ट
भर्ती प्रभारी पीयूष तिवारी ने कलेक्टर सौरभ कुमार को इस मामले की जानकारी दी. तब कलेक्टर ने तत्काल तलब कर खिलेंद्र को बुलवाकर फटकार लगाई और पेन ड्राइव को जब्त कर लिया. इसके साथ ही पूरे मामले की जानकारी राजस्व सचिव को दी गई. पूछताछ व छानबीन के बाद कलेक्टर की रिपोर्ट पर राजस्व सचिव नीलम नामदेव एक्का ने खिलेंद्र यादव को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही उसे रायपुर स्थित कार्यालय में अटैच कर दिया है.
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