गौरेला. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस द्वारा विधायक प्रत्याशी बनने के लिए नया तरीका निकाला गया है, दावेदारों द्वारा स्वयं आवेदन करने का. इसमें किए गए प्रावधान ही अब दिग्गजों के लिए सिरदर्द बन गया है. यानी वे अपनी पसंद के किसी दावेदार को टिकट देते हैं तो शुरुआत से ही पार्टी के अंदरखाने विरोध शुरू हो जाएगा. ताजा मामला मरवाही विधायक डॉ. केके ध्रुव का है, जिसके विरोध में शेष दावेदारों ने साफ कह दिया है कि वे पैराशूट विधायक हैं. उन्हें छोड़कर 27 में से किसी को भी टिकट दें, हम पूर्ण समर्थन करेंगे.
बता दें कि मरवाही सीट से ब्लॉक कांग्रेस कमेटी से कुल 28 दावेदारों ने अपना आवेदन पेश करते हुए यहां से विधायक प्रत्याशी बनने का दावा किया है. उनमें से एक वर्तमान विधायक डॉ. केके ध्रुव भी शामिल हैं. इसी कड़ी में अब दावेदारों से ही पूछा गया है कि यदि आपको टिकट नहीं मिलता है तो आप किसे विधायक प्रत्याशी के रूप में चुनना पसंद करेंगे. बस इसी विकल्प का पूछना था कि दावेदारों ने सामूहिक रूप से एक लेटर ही जारी कर दिया. इसमें मरवाही विधायक डॉ. ध्रुव का खुलकर विरोध किया गया है.
ये हैं केके ध्रुव
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पूर्व सीएम अजीत जोगी यहां से विधायक बने थे. उनके निधन के बाद यहां हुए उपचुनाव में डॉ. केके ध्रुव को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया. उन्होंने जीत दर्ज की और यहां से विधायक के रूप में काबिज हुए. इससे पूर्व वे यहां बीएमओ यानी खंड चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थ थे. अपनी नौकरी से त्यागपत्र देकर वे कांग्रेस में शामिल हुए थे.
दावेदारों के ये आरोप
बाकी 27 दावेदारों ने एक पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने डॉ. केके ध्रुव का खुलकर विरोध किया है. पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर ध्यान नहीं देते. व्यापारियों, ठेकेदारों की पार्टियों में मशगूल रहते हैं. यहां के स्थानीय काम भी बीजेपी के नेताओं को दिला देते हैं. वे बलौदाबाजार के रहने वाले हैं. ऐसे पैराशूट विधायक हमें नहीं चाहिए. बल्कि यदि बाकी में से किसी एक को टिकट मिलता है तो शेष 26 उनका पूर्ण समर्थन करेंगे.
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