रायपुर। रेलवे प्रशासन ने चौथी लाइन के लिए सर्वे का मैप तैयार कर लिया है। नागपुर से बिलासपुर के बीच चौथी लाइन बिछाने की कवायद तेज हो गई। रेलवे सबसे पहले दुर्ग से डोंगरगढ़ 89 किमी तक पटरी बिछाने का काम करेगा। इसके लिए रेलवे बोर्ड से अनुमति मिल गई है। रेलवे ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है। रेलवे ने इसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है। चौथी लाइन का काम होने से ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाएगी और ट्रेनों पर लोड भी कम हो जाएगा।
चौथी लाइन की मिली अनुमति
दुर्ग से डोंगरगढ़ तक चौथी लाइन के लिए अनुमति मिल गई है। अप्रैल 2023 तक पटरी बिछाने का काम भी अपनी गति पकड़ लेगा। मुंबई-हावड़ा रूट पर पहले यात्री ट्रेनें 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार चल रही थी। तीसरी रेल लाइन बिछाने के साथ ही ट्रैकों को विशेष मरम्मत किया गया। अब इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार 110 किमी प्रति घंटा हो गई। वर्तमान में वंदे भारत एक्सप्रेस रफ्तार130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से बिलासपुर से नागपुर तक दौड़ रही है।
जानकारी के अनुसार, चौथी रेल लाइन बिछाने का कार्य पूरा होते तक ट्रेनों की रफ्तार 160 किमी प्रतिघंटा हो जाएगी। रेलवे प्रशासन ने इसके लिए 50 लाख रुपए की लागत से सर्वे का काम भी पूरा कर लिया है। चौथी लाइन का काम पूरा होने से नागपुर से बिलासपुर जाने वाले यात्रियों को काफी सुविधा हो जाएगी।
हाईस्पीड ट्रेने दौड़ेगी
तीसरी और चौथी रेललाइन हाईस्पीड ट्रेन चलाने का एक हिस्सा है। चौथी लाइन बनने के बाद एक ट्रैक को हाईस्पीड ट्रेन के लिए आरक्षित कर दिया जाएगा। वहीं तीन ट्रैक से अन्य गाड़ियों को नियंत्रित कर चलाया जाएगा। मुंबई-हावड़ा लाइन के विस्तार से न केवल यात्रियों को लाभ मिलेगा, बल्कि रेलवे अधिक माल गाडियों को चला सकेगा।
सीनियर डीसीएम नागपुर रविश कुमार ने बताया कि, बिलासपुर से नागपुर के बीच चौथी लाइन बिछाई जानी है। पहले चरण में दुर्ग से डोंगरगढ़ तक 89 किमी पटरी बिछाने के लिए शासन से अनुमति मिल गई है। इसके लिए टेंडर भी जारी कर दिया गया है, बहुत जल्द ही काम शुरु हो जाएगा।
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