रायपुर. आज 21 अगस्त 2024 को देशभर में भारत बंद का आयोजन किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख जिलों पर भी बड़ा असर देखा जा रहा है. यह बंद सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के विरोध में आयोजित किया गया है जिसमें एससी/एसटी आरक्षण से 'क्रीमी लेयर' को बाहर करने का निर्णय लिया गया था. इस फैसले के खिलाफ आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने यह भारत बंद बुलाया, जिसका समर्थन एससी/एसटी समूहों ने किया है.
रायपुर में बंद का प्रभाव
राजधानी रायपुर में सुबह से ही बाजार बंद हैं, और सड़कों पर सामान्य से कम भीड़ दिखाई दी. पुलिस और प्रशासन ने बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज खुले हैं, लेकिन छात्रों की उपस्थिति कम है. महत्वपूर्ण जगहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि शांति बनी रहे.
बिलासपुर में विरोध प्रदर्शन
बिलासपुर में बंद का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. यहां कई स्थानों पर आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के समर्थकों ने प्रदर्शन किया और सड़कों पर जुलूस निकाले. बाजार पूरी तरह से बंद रहे और यातायात पर भी प्रभाव पड़ा. हालांकि, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और कोई बड़ी घटना नहीं घटी.
दुर्ग और राजनांदगांव में सामान्य
दुर्ग और राजनांदगांव में बंद के दौरान शांति बनी रही. स्थानीय प्रशासन ने पहले से ही समाज के नेताओं से बातचीत कर शांति बनाए रखने की अपील की थी. पुलिस बल पूरी तरह सतर्क है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग घरों में रहने को मजबूर हैं.
जगदलपुर में आदिवासी समूहों का समर्थन
जगदलपुर में भी बंद का असर साफ दिखाई दिया. आदिवासी क्षेत्रों में इस बंद को खासा समर्थन मिला है। आदिवासी समूहों ने बंद के समर्थन में रैलियां निकालीं और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नाराजगी जाहिर की. पुलिस ने इन रैलियों के दौरान कड़ी निगरानी रखी और स्थिति को नियंत्रित किया.
छत्तीसगढ़ के ये पांच प्रमुख जिले आज भारत बंद से प्रभावित रहे, जहां बंद का असर जनजीवन पर साफ देखा गया.प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए और अब तक स्थिति सामान्य बनी हुई है.
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